सहस्र खान्ड्वों का दहन
प्रभात सूर्य का प्रचंड
अनेक दिग्गजों का कदम
रोक कैसे पायेगा
कोई रोक कैसे पायेगा
संकल्प जो मन में है तेरा
वोही है तलवार तेरा
कांप जाए अँधेरा
मुश्किलों का पहाड़ हो
दिक्कतों का दरिया हो
संसार तेरा साथ न दे
राहसे तू न भटक जाए
लड़ते जाओ चलते जाओ
रोक कैसे पायेगा
कोई रोक कैसे पायेगा
-आशीष
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